अधिवेशन में गूंजा प्रदेश के प्रताड़ित शिक्षकों का मुद्दा

 अधिवेशन में गूंजा प्रदेश के प्रताड़ित शिक्षकों का मुद्दा



उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के बैनर तले बस्ती में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन के प्रथम दिवस प्रदेश में अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के प्रबंधकों और अधिकारियों के द्वारा शोषण पर गहनता से चर्चा की गई।जिसमें प्रमुख रूप से बलिया के अवधेश सिंह के ऑनलाइन स्थानांतरण हो जाने और कार्यरत विद्यालय से कार्यमुक्त हो जाने के बाद भी स्थानांतरित विद्यालय में विगत 16 माह से कार्यभार ग्रहण करने हेतु कोर्ट एवं अधिकारीयों का चक्कर लगा रहे,जिसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रबंधकों की मनमानी का दूसरा उदाहरण बरेली में मिला जिसमें बिना किसी कारण के प्रधानाचार्य पद से हटा दिया गया प्रधानाचार्य ने आमरण अनशन शुरू कर दिया । बलरामपुर का एक प्रकरण संज्ञान में आया कि शिक्षक अशोक तिवारी को प्रबंधक ने बिना जिला विद्यालय निरीक्षक के अनुमोदन के ही सेवा समाप्त कर दिया। शिक्षक उत्पीड़न के क्रम में जानकारी मिली कि प्रयागराज जिले में कृष्णा कुमारी नामक शिक्षिका की 2024 की वेतन वृद्धि बगैर जिला विद्यालय निरीक्षक के अनुमोदन के रोक दी गई और शिक्षिका द्वारा शिकायत करने पर बैकडेट में निलम्बित कर दिया गया। ये तो कुछ   बानगी मात्र हैं प्रदेश में न जाने कितने प्रकरण कार्यालयों में लंबित हैं। शिक्षक समुदाय डरा और सहमा है।ऐसे उत्पीड़न के माहौल में कैसे शिक्षक शिक्षण कार्य कर पाएंगे।

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