*बहुचर्चित आशा बहू नियुक्ति मामले में बीसीपीएम राम जीत जायसवाल जांच में पाये गये दोषी*
- जनतीरा आशा बहू की शिकायत पर बीसीपीएम राम जीत जायसवाल के खिलाफ हुई कार्रवाई
- अधीक्षक जेपी कुशवाहा ने तत्काल बीसीपीएम राम जीत जायसवाल ने किया सीएचसी गौर से किया कार्यमुक्त
*गौर बस्ती* - सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गौर पर तैनात बीसीपीएम राम जीत जायसवाल के खिलाफ आशा बहू नियुक्ति मामले में जांच में दोषी पाएं जाने पर अधीक्षक जेपी कुशवाहा ने कार्यवाही किया है और बीसीपीएम का स्थानांतरण मुख्य चिकित्सा अधिकारी बस्ती कार्यालय में कर दिया है एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौर से कार्य मुक्त कर दिया है ।
आप को बता दें कि वर्ष 2006 में ग्राम पंचायत मुड़िलवा में नियमानुसार आशा की नियुक्ति की गयी थी और तत्समय, गयाजीतपुर व बैरीखाला राजस्व गांव सम्मलित थे तथा तत्समय नियुक्त आशा जन्तीरा देवी राजस्व गांव बैरीखाला की बहू हैं । जनसंख्या वृद्धि के अनुसार 2015, मुड़िलवा ग्राम पंचायत से अलग होकर गयाजीतपुर बैरीखाला नई ग्राम पंचायत बनने से आशा की नियुक्ति नियमानुसार इसी ग्राम पंचायत में होनी चाहिए परन्तु तत्कालीन अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गौर व वर्तमान बीसीपीएम रामजीत जायसवाल ने भ्रष्टाचार का खेल करके पुनः दूसरी आशा रेनू देवी की नियुक्ति भी उसी ग्राम पंचायत गयाजीतपुर बैरीखाला में वर्ष 2022 में कर दी गयी जहाँ पर वर्ष 2006 से ही तैनात आशा जन्तीरा देवी कार्यरत हैं । इस प्रकार पूर्व अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गौर व वर्तमान बीसीपीएम के भ्रष्टाचार के चलते ग्राम पंचायत मुड़िलवा "आशा" विहीन बना हुआ है तो दूसरी ग्राम पंचायत गयाजीतपुर बैरीखाला में जन्तीरा देवी व रेनू देवी दो - दो आशाओं की नियुक्ति कर दी गयी है जिसके चलते घमासान मचा हुआ है । पीड़ित आशा बहू जन्तीरा देवी न्याय के लिए दर - दर भटक रही थी । उक्त प्रकरण में सीएचसी गौर अधीक्षक जेपी कुशवाहा ने बताया आशा नियुक्ति को लेकर जांच की गई है जिसमें जाच में बीसीपीएम रामजीत जयसवाल दोषी पाए गए उनको गौर सीएचसी से कार्यमुक्त कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय अटैच कर दिया गया है।