*ग्राम पंचायत गयाजीतपुर में फर्जी आशा बहू की नियुक्ति करने का लगा आरोप*

 



*ग्राम पंचायत गयाजीतपुर में फर्जी आशा बहू की नियुक्ति करने का लगा आरोप*

- आशा बहू की फर्जी नियुक्ति मामले की उच्च अधिकारियों से हुई शिकायत


- उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी आशा बहू नियुक्ति के फर्जीवाड़ा मामले में नही हुई कार्यवाही

- फर्जी आशा बहू मामले में कार्यवाही करने के बजाएं जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा की जा रही लीपापोती


*गौर बस्ती* - राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत निर्धन एवं स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित महिलाओं को गुणवत्ता परख चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने व मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए गांव-गांव में आशाओं की तैनाती की गई है  लेकिन गौर विकास खंड के गयाजीतपुर में आशा नियुक्ति शासनादेश को ताखकर रख की गई है। आशा बहू की नियुक्ति को लेकर क्षेत्र में तरह - तरह चर्चाएं चल रही है ।

        आपको बता दे कि गौर विकास खंड में कुल 108 ग्राम पंचायतें हैं। हर ग्राम पंचायत में आशा कार्यकत्री तैनात हैं। शासन का आदेश है कि 1000 की आबादी पर एक आशा की तैनाती करने का शासनादेश है।ग्राम पंचायत गयाजीतपुर में फर्जी आशा बहू की नियुक्ति करने का आरोप लगा है कि मुड़िलवा गयाजीतपुर बैरीखाला ये तीनों गांव वर्ष 2006 में एक ग्राम पंचायत में शामिल थी और ये मुड़िलवा ग्राम पंचायत के नाम से जानी जाती थी और यहां की आबादी जनसंख्या के अनुसार 1000 थी और यहां आशा बहू की नियुक्ति जनतीरादेवी पत्नी राकेश कुमार की गई  थी जो बैरीखाला गाव की निवासी थी। 2015 में जनसंख्या तकरीबन 2050 की वृद्धि के अनुसार मुड़िलवा ग्राम पंचायत से गयाजीतपुर और बैरीखाला गाव को अलग कर गयाजीतपुर नाम से एक अलग ग्राम पंचायत बनाई गई थी ।

        शासनादेश के अनुसार 1000 आबादी वाले ग्राम पंचायतों में आशा बहू की नियुक्ति करने का आदेश है ग्राम पंचायत में आशा बहू की नियुक्ति के लिए ग्राम पंचायत की मूल / स्थाई निवासी होना आवश्यक है वही पूरे उत्तर प्रदेश में आशा बहुओ की रिक्त पदों के सम्बंध में वर्ष 2022-2023 में अनुमोदन प्राप्त होने के बाद नियुक्ति को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को नोटिफिकेशन जारी कर रिक्त पदों भरने के लिए सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया गया था जिसमें  शासनादेश के अनुसार विकासखण्ड स्तर पर तैनात बीसीपीएम को रिक्त पदों की सूची भेजने की जिम्मेदार थी ।           गौर विकासखंड के अन्तर्गत 8 आशाओं की नियुक्ति हुई थी जिसमें गयाजीतपुर आशा बहू की नियुक्ति के बाद से ही लगातार खींचतान जारी है और 2006 में नियुक्त आशा कार्यकत्री जनतीरा देवी के द्वारा लगातार जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व प्रभारी अधीक्षक गौर से बीसीपीएम रामजीत जायसवाल को शिकायती पत्र दिया गया और यह आरोप लगाया गया कि आशा बहू द्वारा दिए गए शिकायती पत्र में जनतीरा देवी पिछले 20 वर्षों से शासन के मंशा के अनुरूप कार्य कर रही हैं और अपने द्वारा कभी भी अपने कार्यों में हीलाहवाली नहीं की गई परंतु इधर ज्ञात हुआ कि रामजीत जायसवाल बीसीपीएम द्वारा अवैध रुप से गयाजीतपुर बैरीखाला  में आशा बहू के पद को रिक्त दिखाते हुए नवीन फर्जी आशा बहू का चयन बिना ए0एन0एम के हस्ताक्षर के पूर्ण किया गया है और विगत 10 माह से फर्जी  आशा बहू का भुगतान किया जा रहा है तब पी पीड़िता ने बीसीपीएम रामजीत जायसवाल से बात की तो बीसीपीएम द्वारा पीड़िता को धमकी देते हुए कहा कि मैं जिसकी चाहे नियुक्ति करूं जिसे चाहे निकाल दूं। जो नवीन नियुक्ति हुई है सब ठीक है है।आशा बहू जनतीरा देवी के लगाए हुए आरोपी पर बीसीपीएम रामजीत जायसवाल से बात की गई तो उन्होंने ने बताया कि आशा बहू द्वारा लगाए गए सभी आरोप की जांच चल रही है जांच के बाद स्पष्ट होगा कि नियुक्ति गलत हुई है या सही लेकिन गयाजीतपुर में आशा बहू नियुक्ति से लेकर लगातार घमासान जारी है संबंधित ग्राम पंचायतों में तैनात ए0एन0एम प्रतिमा शुक्ला से फोन के माध्यम से बात कर जानकारी ली गई तो उनके द्वारा बताया गया कि नवीन आशा बहू नियुक्ति से संबंधित मुझे ना कोई जानकारी है और न ही मुझे किसी बैठक में बुलाया गया है नवीन आशा बहू की नियुक्ति की गई यह भी मुझे कोई जानकारी नहीं है । वह इस पूरे विवादों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गौर प्रभारी जेपी कुशवाहा ने बीसीपीएम राम जी जायसवाल से पत्र लिखकर जानकारी मागी जिसमें पत्र में लिखा गया है कि ग्राम पंचायत गयाजीतपुर बैरीखाला के प्रधान  उमेश चन्द्र द्वारा लिखित रूप से अवगत कराया है कि  जनतीरा देवी आशा के स्थान पर  रेनू देवी का चयन आपके कार्यालय द्वारा निर्गत प्रत्रावली जिसमें ग्राम पंचायत गयाजीतपुर बैरीखाला को रिक्त दिखाते हुए कर दिया गया है। जो कि पूर्णतः गलत है क्यों कि पूर्व से ही 2006 में आशा की नियुक्ति ग्राम पंचायत मुडिलवा गयाजीतपुर बैरीखाला से हुई थी। 2015 में नई ग्राम पंचायत गयाजीतपुर बैरीखाला हुआ जिसमें निवासी जनतीरा देवी ग्राम बैरीखाला की बहु थी। इस वजह से ग्राम पंचायत मुडिलवा रिक्त होता है न कि ग्राम पंचायत गयाजीतपुर बैरीखाला। उपरोक्त विषय में प्रधान जी द्वारा दिये गये पत्र के सम्बन्ध में उक्त ग्राम पंचायत में रिक्त आशा पद हेतु आपके द्वारा सम्बन्धित उपकेन्द्र की ए०एन०एम० से रिक्त पद की सूचना ली गयी थी। यदि ली गयी थी तो पत्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें अथवा बी०सी०पी०एम० एम०आई एस० र्पोटल के आधार पर आपके द्वारा रिक्त पद दिखाया गया था। तो भी आप द्वारा प्रेषित रिक्त आशा पद की पत्रांवली उपलब्ध कराये जिससे प्रधान जी द्वारा मॉगी जा रही सूचना को उपलब्ध कराया जा सके। 

प्राप्त सूत्रों पता चला है गयाजीतपुर  आशा नियुक्ति को लेकर  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौर पर तैनात बीसीपीएम रामजीत चौरसिया की  मुख्य भूमिका रही है । जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है और गाजीपुर आशा नियुक्ति को लेकर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है जिसको लेकर घमासान मचा हुआ है वहीं पीड़ित आशा जनतीरा देवी की बात करें तो लगातार व अधिकारियों के चौखट पर प्रार्थना पत्र पर प्रार्थना पत्र दिए जा रही है लेकिन जांच उन्हें अधिकारियों को दी जा रही है जिनके ऊपर आरोप लग रहे हैं तो जांच कैसे निष्पक्ष हो पाएगी यह एक बड़ा सवाल है जहां तक बात करें जांच की तो जब तक जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पूरे प्रकरण की जांच खुद नहीं करेंगे तब तक ऐसे घमासान मचा रहेगा और पीड़ित आशा को न्याय मिल पाना बहुत ही मुश्किल है।

इस पूरे प्रकरण और विवाद पर सीएचसी अधीक्षक गौर जेपी कुशवाहा से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया पूरे प्रकरण पर जांच चल रही है  जांच में जो भी तथ्य आएंगे जो भी दोषी पाया जाएगा उस खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।

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