*ग्राम प्रधान व सचिव की उदासीनता से पंचायत भवन पर लगा गन्दगी का अंबार*



 *ग्राम प्रधान व सचिव की उदासीनता से पंचायत भवन पर लगा गन्दगी का अंबार*

- ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी भी काट रहे मौज

- पंचायत भवन पर लगा गन्दगी का अंबार गंभीर बीमारियों को दे रहा दावत

- सचिव पंचायत भवन पर रोस्टर के दिन भी कभी नही करते जनसुनवाई - सूत्र

*हर्रैया बस्ती*- विकासखंड हर्रैया के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बेलभरिया राम गुलाम पंचायत भवन के अगल-बगल कचरे का अंबार लगा हुआ है लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव को गंदगी को लेकर कोई चिन्ता नहीं है ।

       सूत्रों की माने तो पंचायत भवन ग्राम पंचायत में मिनी सचिवालय के नाम से जाना जाता है । पंचायत भवन पर लगे गंदगी का अंबार के आधार पर कहा जा सकता है कि कभी भी पंचायत भवन का ताला नहीं खुलता है और ना ही सचिव रोस्टर के हिसाब से पंचायत भवन पर ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण नहीं करते है पंचायत भवन का कभी न ताला खुलना जिम्मेदार अधिकारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है यदि जिम्मेदार अधिकारी पंचायत भवन पर आते जाते तो पंचायत भवन की यह स्थिति न होती । ग्राम प्रधान व सचिव की लापरवाही का फायदा ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी लेते हैं अर्थात् सफाई कर्मचारी मन मौजी ड्यूटी करते हैं ।

      जहां एक तरफ प्रदेश सरकार द्वारा संचारी रोग के बचाव हेतु ग्राम पंचायतों में साउथ सफाई कराई जा रही है वही दूसरी तरफ ग्राम प्रधान व सचिव एवं सफाई कर्मी की मनमानी से पंचायत भवन पर लगा गंदगी का अंबार गंभीर लोगों को दावत दे रहा है ।

      सूत्रों के अनुसार जब से पंचायत भवन बना तब से रंगाई पुताई नही हुआ है इतना ही नहीं यहां तक की पुराने अधिकारियों का नाम पंचायत भवन लिखा हुआ है और ब्लॉक और ग्राम पंचायत में तैनात नए अधिकारियों / कर्मचारियों का नाम नहीं लिखा है । इससे साफ स्पष्ट है कि दाल में कुछ काला है ।

पंचायत भवन पर लगा हैंडपंप खराब है ग्राम प्रधान व सचिव एवं सफाई कर्मी पंचायत भवन कभी नहीं जाते है और न ही कभी जिम्मेदार अधिकारी पंचायत भवन का हाल-चाल लेते हैं ।

     योगी सरकार ने करोड़ों रुपया खर्च करके गांव-गांव में लोगों के समस्याओं के निस्तारण के लिए पंचायत भवन का निर्माण कराया है  लेकिन बेलभरिया राम गुलाम में पंचायत भवन में कभी कोई बैठक नही होती है बैठक सिर्फ कागजों में पूर्ण होती हैं । सचिव और ग्राम पंचायत में तैनात सफाईकर्मी प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फेरने पर तुले हुए हैं । उक्त प्रकरण में खंड विकास अधिकारी सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है जांच कर कार्रवाई की जाएगी ।

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