*पैसा बोलता है कि नीति पर 10 वर्षों से सीएचसी परशुरामपुर पर जमे डा० भास्कर यादव*

*पैसा बोलता है कि नीति पर 10 वर्षों से सीएचसी परशुरामपुर पर जमे डा० भास्कर यादव*

- स्थानांतरण नीति का पालन करने के बजाए सुविधा शुल्क नीति पर कार्य कर रहे सीएमओ

- भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का पोल खोल रहे 10 वर्षों से जमे डा० भास्कर यादव

- सीएचसी परशुरामपुर पर रात्रि निवास ना करना व प्रतिदिन फैजाबाद में रहकर डियूटी करना बना चर्चा का विषय

*परशुरामपुर बस्ती*- प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का दावा करती है और नियम - नियमावली को लेकर प्रतिदिन तरह-तरह की आदेश जारी करती है लेकिन सरकारी द्वारा जारी आदेश पूरी तरह फेल दिखाई दे रहा है ।
      आपको बता दें कि बस्ती जिले के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परशुरामपुर में तैनात अधीक्षक डा० भास्कर यादव 10 वर्षों से जमे हैं ।      स्थानांतरण नीति के अनुसार एक स्थान पर लगातार कोई अधिकारी / कर्मचारी कार्यरत रह सकता है 03 वर्षों के बाद किसी अन्य स्थान / कार्यालय में स्थानांतरण कर दिया जाता है ।
 परशुरामपुर अधीक्षक डा० भास्कर यादव को किस शासनादेश / स्थानांतरण नीति के आधार पर 10 वर्षों तैनाती दी गई है यह जानकारी सिर्फ मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजीव निगम व अधीक्षक डा० भास्कर यादव को पता है ।
      सूत्रों से यह भी पता चला है कि डा० भास्कर तैनाती से लेकर यादव आज तक सीएचसी परशुरामपुर पर कभी रात्रि निवास नही किया है । अधीक्षक डा० भास्कर यादव फैजाबाद रहकर डियूटी करते हैं अर्थात् फैजाबाद से सप्ताह में दो - तीन दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परशुरामपुर पर आकर कागजी कार्रवाई पूर्ण करके चले जाते हैं । रात्रि में आपात कालीन सेवाएं भगवान भरोसे चलती है । कभी - कभी फार्मासिस्ट की डियूटी रात्रि में लगा देते हैं वही फार्मासिस्ट दिन में फार्मासिस्ट का कार्य करते हैं और रात्रि में डाक्टर का रूप धारण कर धड़ल्ले से मरीजों का इलाज करते हैं । अधीक्षक की लम्बी तैनाती व फैजाबाद रहकर डियूटी करने से क्षेत्रवासियों में आक्रोश है । मीडिया पड़ताल में यह चला है कि डा० भास्कर यादव मुख्य चिकित्सा अधिकारी से दुरंभि संधि करके 10 वर्षों से जमकर मलाई काट रहे है । सीएमओ को अपने मनचाहा सुविधा शुल्क से मतलब है चाहे स्थानांतरण नीति का पालन हो या न हो एवं चाहे किसी मरीज को स्वास्थ्य सेवाएं मिले या न मिले । इन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही / तानाशाही / मनमानी से प्रदेश सरकार की साफ सुथरी छवि धूमिल हो रही है । अब देखना है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उक्त मामले में क्या कार्रवाई की जाती है ।

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