*कप्तानगंज ब्लाक में एक ग्राम पंचायत में फर्जी बिल के सहारे 05 टेंडर का हुआ भुगतान*
- तेज तर्रार मुख्य विकास अधिकारी सार्थक अग्रवाल के लिए चुनौती बना कप्तानगंज ब्लाक में फर्जी टेंडर भुगतान को रोकना
- एडीओं पंचायत सुशील कुमार श्रीवास्तव को कई बार सूचना देने के भी फर्जी टेंडर भुगतान मामले का नहीं ले रहे संज्ञान
- दो वर्षों से विकासखंड कप्तानगंज में कुछ सचिवों द्वारा टेंडर भुगतान में किया जा जमकर लूटपाट
*कप्तानगंज बस्ती*- विकासखंड कप्तानगंज के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत में 05 निविदा / टेंडर का भुगतान फर्जी बिल वाउचर के सहारे हुआ है जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है । एडीओ पंचायत (सहायक विकास अधिकारी ) सुशील कुमार श्रीवास्तव की शिथिलता से कुछ सचिवों द्वारा ग्राम पंचायतों के टेंडर / निविदा के प्रकाशन व भुगतान में जमकर लूट खसोट किया जा रहा है । कुछ सचिवों को नौकरी की चिन्ता नही है उनका सीधा मतलब है कि नौकरी चली जाए मंजूर है लेकिन कमीशन न छूटे । अर्थात् उच्च अधिकारियों के आंख में धूल झोंककर सरकारी धन को खाली करने में जुटे हुए हैं ।
सूत्रों की मानें तो सरकारी शासनादेश के अनुसार के एक ग्राम पंचायत में 02 या अधिकतम 03 टेंडर / निविदा का प्रकाशन हो सकता है । जब से विकासखंड हर्रैया से एडीओ पंचायत सुशील कुमार श्रीवास्तव विकासखंड कप्तानगंज पर स्थानांतरित होकर आए हैं तब से सचिव मनमानी तरीके से समाचार पत्रों में टेंडर / निविदा का प्रकाशन कराते हैं और धीरे-धीरे मनचाहा बिल वाउचर बनवाकर भुगतान करते हैं अर्थात् एडीओ पंचायत से दुरंभि संधि करके कुछ सचिव सरकारी धन पर डाका डाल रहे हैं । दो वर्षों में लगभग लाखों रुपए से ऊपर का फर्जी भुगतान टेंडर के नाम पर हो चुका है यदि विकासखंड कप्तानगंज में 2 वर्षों में ग्राम पंचायतों में प्रकाशित टेंडर / निविदा की निष्पक्ष जांच हो जाए तो कुछ सचिव व कुछ प्रधानों पर गाज गिर सकती है । उक्त प्रकरण में नवागत खंड विकास अधिकारी कप्तानगंज ने फोन के माध्यम से बताया कि मामला संज्ञान में नहीं था लेकिन हम मामला संज्ञान में आ गया है इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कराकर दोषी सचिवों व प्रधानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी ।