मजहबी बुनियादी शिक्षा के प्रति समर्पित थे सर सैयद अहमद खांन

 



उल्लास के साथ मना सर सैयद डे, योगदान पर हुई चर्चा

मजहबी, बुनियादी शिक्षा के प्रति समर्पित थे सर सैयद अहमद खांन

आधुनिक शिक्षा के पक्षधर थे सर सैयद अहमद खां

बस्ती । ए.एम.यू. ओल्ड ब्वायज एसोसियेशन की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सैयद अहमद खां का जन्मदिन ‘सर सैयद डे’ के रूप में धूमधाम से मनाया गया। शहर के गांधीनगर स्थित एक होटल के सभागार में आयोजित भव्य जलसे में सैयद अहमद खां के योगदान को याद किया और मजहबी व बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया।

मुख्य अतिथि पूर्व सांसद एवं मंत्री ज़फर अली नक़वी ने कहा मजहबी और बुनयादी शिक्षा को मजबूत बनाने में सर सैयद अहमद खां का योगदान कभी भुलाया नही जा सकता। चुनौतियां तब भी कम नही थी, आज भी कम नही हैं और आगे भी कम नही होंगी। इसी बीच से मुल्क और मजहब की तरक्की का रास्ता निकालना होगा। ऐसा तभी संभव करने के लिये हमे वक्त के साथ नही बल्कि कुरान के साथ चलना होगा। वक्त के साथ चलेंगे तो पीछे रह जायेंगे। डा. तारिक़ सिद्धीकी ने कहा कि हममे से हर कोई एएमयू जैसी स्थापना नही कर सकता है। लेकिन थोड़ी सी कोशिश कर निजी स्कूलों के कुछ बच्चों को चिन्हित कर उन्हे आगे बढ़ाने में अपना सहयोग दे सकते हैं।

एसोसियेशन के प्रेसीडेन्ट डा. अब्दुल रशीद ने कहा सर सैयद ने ए.एम.यू. की स्थापना के लिये पैरों में घुंघरू बांधकर चंदा इकट्ठा किया। उन्होने मुसलमानों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की दिशा में सराहनीय कार्य किया। कार्यक्रम को अरशद अंसारी, पूर्व विधायक अफसर यू अहमद, मसूद अहमद ‘गुड्डू हाजी’, मो. फुजैल आदि ने सम्बोधित किया। सभी ने कहा उंचे उंचे ओहदों पर होने के बावजूद सर सैयद ने कभी अन्याय का पक्ष नही लिया। एसोसियेशन की ओर से मुख्य संरक्षक डा. मो. इकबाल ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुये उनकी मौजूदगी के लिये आभार जताया। मो. अशरफ ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। जलसे में डा. तारिक़ उसमानी, काजी फरजान अहमद, मो. मोवीन, डा. मो. आसिम फारूकी, मास्टर हयातुल्लाह, डा. महबूब, अहमद फसी सिद्धीकी, डा. तारिक़ जमील आदि ने भी सम्बोधित किया ।

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