अधीक्षक डा० जे०पी० कुशवाहा की मिलीभगत से सीएचओ प्रिया शुक्ला ड्यूटी से चल रही गायब

 


अधीक्षक डा० जे०पी० कुशवाहा की मिलीभगत से सीएचओ प्रिया शुक्ला ड्यूटी से चल रही गायब

- मंसूर नगर मे तैनात सीएचओ प्रिया शुक्ला की मनमानी डियूटी करना ग्रामीणों पड़ रहा भारी

- सीएमओ राजीव निगम ने डियूटी से गायब सीएचओ की जांच कर कार्यवाही करने का दिया आश्वासन

बस्ती -उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने का लाख दावा कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है। ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए पूरे तामझाम के साथ गांव में  हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोला गया।लेकिन उद्घाटन के अक्सर ताला लटका रहता है। यह कभी-कभार ही खुलता है। हास्यास्पद यह है कि सेंटर में नियुक्त कर्मियों का महीनो  ग्रामीणो ने देखा ही नहीं । इससे आस पास के लोग इलाज सहित अन्य सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे हैं। लोग झोला छाप डॉक्टरो से इलाज कराने को मजबूर है, जो मरीजों के इलाज करने के नाम पर जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बने हेल्थ वेलनेस सेंटर मे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होने बावजूद भी कागजों तक सिमट कर रह गई है। हेल्थ वेलनेस सेंटर में मरीजों के लिए डायबिटीज समेत अन्य जांच व चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना था, लेकिन अभी तक सेंटर पर मरीजों को मामूली दवाएं नसीब नहीं हो रही हैं। गौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अन्तर्गत मंसूर नगर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नियुक्त सीएचओ प्रिया शुक्ला के केंद्र पर न आने से ग्रामीण परेशान हैं। सेंटर बंद होने से निजी चिकित्सक के शरण में जाने के लिए विवश हो गए हैं। इससे अत्यधिक धन व्यय करना पड़ा। साथ ही ठीक से इलाज भी नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण  ने बताया कि केंद्र बंद रहने से परेशानी होती है कोई मीडिया टीम की पड़ताल के समय मिले द्वारका प्रसाद बताते हैं की पैर में चोट लगी बाहर से दवा लेकर मजबूरन पैसे देकर आना पड़ रहा है वही गांव में बना है हमारे अस्पताल लेकिन यह दो महीने से बंद पड़ा है अगर यह खुला रहता तो हमको फ्री में इलाज होता लेकिन अब किस शिकायत करने जाएं हम तो गरीब हैं हमारी आवाज कौन सुनेगा वहीं कई ग्रामीणों की महिलाओं से बातचीत किया गया जिन्होंने बताया कि गांव में तो अस्पताल बना है लेकिन जब से बना है तब से सिर्फ दो या तीन दिन ही खुला है ज्यादा दिन तो अस्पताल पर ताला लटका रहता है  वह इस पूरे प्रकरण को लेकर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव निगम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी ।

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