* बहुचर्चित छात्रा रागिनी के मौत मामले का खुलासा करना कप्तानगंज पुलिस के लिए बना चुनौती*
- 20 बीतने के बाद भी छात्रा रागिनी के मौत का नही हुआ खुलासा
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई थी कि छात्रा रागिनी ने नही की थी आत्महत्या - सूत्र
- कब्र से खोदकर निकाले गए शव का अब टावर लोकेशन खोलेगा बहुचर्चित छात्रा रागिनी की मौत का राज
- उच्चधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद कप्तानगंज पुलिस ने 10 दिन बाद दर्ज किया था हत्या का मुकदमा
बस्ती संवाददाता - बहुचर्चित छात्रा रागिनी हत्या कांड में उच्च अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने पर 10 दिन बाद कप्तानगंज पुलिस मृतक छात्रा के पिता के तहरीर पर 01 अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था । लगभग 01 महीने का समय बीत जाने के बाद कप्तानगंज पुलिस द्वारा छात्रा रागिनी के हत्या का खुलासा करना कप्तानगंज पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है ।
कप्तानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुढ़वा के राजस्व गांव खपड़ही में स्थित कंपोजिट विद्यालय खपड़ही में बीते दस फरवरी को दिन में मिले छात्रा रागिनी के शव की गुत्थी सुलझाने और साक्ष्य संकलन में पुलिस टीमें लगातार जुटी हुई हैं पर अभी पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुँच पायी है जिसके कारण अपराधी मौज कर रहे हैं और क्षेत्र में पुलिस की भूमिका को लेकर तरह - तरह की चर्चाएं कर रहे हैं । सूत्रों की माने तो मृतका के परिजनों के मोबाइल का काल डिटेल रिकार्ड व टावर डंप लोकेशन पुलिस ने निकाल कर उस पर मंथन शुरू कर दिया है घटना के तीन दिन बाद मामला तूल पकड़ने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार की उपस्थिति में कब्र से शव निकाल कर छात्रा की पोस्टमार्टम कराया गया था । जनचर्चाओ की माने तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शाक्ड एंड हैमरेज आया था जिससे मृत्यु की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी जिसके बाद बिसरा सुरक्षित कर उसके नमूने को फोरेंसिक साइंस लैब गोरखपुर को उपलब्ध करा दिया गया है। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात साबित हो चुकी है कि रागिनी ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी हत्या की गई है । हत्यारे द्वारा हत्या का मकसद साबित करने में पुलिस की कई टीमें लगी हैं।
सूत्रों की माने तो तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक अभिनंदन खुद ही घटना को संज्ञान में लेकर सक्रिय हैं । घटना के एक सप्ताह बाद भी परिजन पुलिस को बात-बात पर गुमराह करते जा रहे हैं हत्या की वारदात की जांच-पड़ताल में पुलिस का कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। परिजन पुलिस को जो भी मृत्यु का कारण बता रहे थे उनपर विश्वास नहीं किया जा सकता है उनके अनुसार छात्रा मानसिक रूप से बीमार चल रही थी उसने आत्महत्या कर ली जबकि सीन आफ क्राइम व पीएम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि नहीं हो सकी। घर वाले झूठ बोल रहे थे कि उन्होंने शव को जला कर अंत्येष्टि की थी जबकि वास्तविकता यह थी कि शव को दफनाया गया था सख्ती करने पर असलियत बताई तब जाकर शव को कब्र से निकाल कर उसका पोस्टमार्टम कराया जा सका । इस मामले में कड़ी से कड़ी जोड़ने में कई पुलिस टीमें जुटी हुई हैं अबतक जांच में जो भी तथ्य सामने आए हैं उसमें किसी शातिर दिमाग ने ही इस घटना को अंजाम दिया है मामले का पर्दाफाश हर हाल में होगा परिजनों के मोबाइल का सीडीआर, टावर डंप लोकेशन, आइपीडीपीआर निकालकर उसका परीक्षण कराया जा रहा है फोरेंसिक साइंस लैब गोरखपुर में संकलित साक्ष्य का सैंपल रिसीव करा दिया गया है जिसमें कुछ अहम सुबूत हाथ लगे हैं।
कप्तानगंज पुलिस ने उच्च अधिकारियों को यह भी अवगत कराया है कि पुलिस छात्रा रागिनी के हत्या कांड के अन्तिम तह तक पहुंच गई है लेकिन अब बड़ी बात यह है कि लगभग 01 बीतने के बाद भी छात्रा रागिनी के हत्या का खुलासा न करना पुलिस प्रशासन बड़ा सवाल खड़ा करता है । उक्त प्रकरण में कलवारी प्रभारी क्षेत्राधिकारी संजय सिंह से फोन क माध्यम से जानकारी लेना चाहता तो प्रभारी क्षेत्राधिकारी ने कहा कि छात्रा रागिनी के हत्या से जुड़े सभी साक्ष्य एकत्रित हो गए हैं जल्द ही उक्त मामले का खुलासा किया जायेगा ।