चरित्रवान व संस्कारवान बनाती है श्री मद् देवी भागवत डां कौशलेंद्र महाराज

 



चरित्रवान व संस्कारवान बनाती है श्री मद् देवी भागवत डां कौशलेंद्र महाराज 

सुरेन्द्र नगर लखनऊ में श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया गया है। कथा के शुभारंभ पर कलश यात्रा निकाली गई थी ।कथावाचक डॉ. कौशलेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महराज ने दूसरे दिन शुक्रदेव आगमन, नारदजी की कथा, राजा परीक्षित को श्राप तथा विदुर कथा का प्रसंग सुनाया। कथा का संक्षेप में सार बताते हुए कहा मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर ही श्रीमद् देवी भागवत जैसी भगवान की दिव्य कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। भागवत रूपी गंगा की धारा पवित्र और निर्मल है, जो पापियों को भी तार देती है। कार्यक्रम में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने, बेटियों को शिक्षा, संस्कार आदि पर भी प्रकाश डाला गया श्रीमद देवी भागवत कथा व्यक्ति में मानवीय गुणों का समावेश कर उसे चरित्रवान व संस्कारवान बनाती है। जिससे व्यक्ति स्वयं को सबल बनाता है और अपनी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।  यह विद्या का अक्षय भंडार है। कथा व्यास कौशलेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से व्यक्ति सीधे भगवान की शरण में पहुंचता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा को त्रिवेणी कहा गया है। यमुना तट पर रची गई भगवान की लीलाओं को सरस्वती के तट पर लिखा गया और गंगा तट पर सुनाया गया। उन्होंने कहा कि सनकादिक ऋषियों ने सर्वप्रथम हरिद्वार में ही सप्तऋषि क्षेत्र में गंगा तट पर श्रीमद देवी भागवत कथा का वाचन किया था। इस मौके पर यज्ञाचार्य पं.अतुल शास्त्री सूरज दास राम उदय दास सुमन मिश्रा कमलावती मिश्रा कंचन पाण्डेय लज्जा मंजू मानसी रश्मि उमा शिवा 

वंदना विभा रेनू अन्नपूर्णा रागनी प्रिया प्रिति रजना आदि रहे लोग अधिक संख्या में रहें ।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form