*ग्राम पंचायत इटबहरा में चल रहे मनरेगा घोटाले का हुआ भंडाफोड़*
- महिला मेट ज्ञानमती के आईडी से मोबाइल से मोबाइल सहित मनरेगा मजदूरों की फर्जी फोटो मनरेगा साइट पर ऑनलाइन हो रहा अपलोड
- महिला मेट ज्ञानमती द्वारा ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा करने में निभा रही अहम भूमिका
- सोशल मीडिया के खबरों का सचिव प्रशांत पाण्डेय ने लिया संज्ञान, जांचकर जारी फर्जी मस्टर रोल होगा जीरो
*गौर बस्ती*- विकासखंड गौर के अंतर्गत ग्राम पंचायत इटबहरा में महिला मेट ज्ञानमती द्वारा मनरेगा कार्यों में किये जा रहे घोटाले का भंडाफोड़ हो गया है l महिला मेट ज्ञानमती के द्वारा किये जा रहे मनरेगा फर्जीवाड़ा को जिसको जिले में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है ।
आपको बता दें कि ग्राम पंचायत इटबहरा में दो मनरेगा कार्यों हेतु ऑनलाइन मस्टर रोल जारी है जिसमें महिला मेट ज्ञानमती के आईडी से मनरेगा मजदूरों का फोटो मोबाइल से मोबाइल सहित मनरेगा ऑनलाइन साइट पर अपलोड किया जा रहा है । मनरेगा आनलाइन साइड पर फर्जी फोटो अपलोड होने पर ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध लग रही है । मनरेगा एक्ट की खुल्लम खुल्ला धज्जियां उड़ाने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करना खंड विकास अधिकारी गौर राजेश कुमार सिंह के लिए किसी चुनौती से काम नहीं है । महिला मेट ज्ञानमती, ग्राम प्रधान, सचिव व टी ए (जेई ) के मनमानी कार्यों से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है । महिला मेट ज्ञानमती द्वारा फर्जी मनरेगा मजदूरों का फोटो अर्थात् मोबाइल से मोबाइल सहित मनरेगा मजदूरों का फर्जी फोटो मनरेगा ऑनलाइन साइट अपलोड करना ग्राम पंचायत इटबहरा में बड़े भ्रष्टाचार का संकेतक है । आप सोच सकते हैं कि जब महिला मेट ज्ञानमती उच्च अधिकारियों की आंख में धूल झोंक कर मोबाइल से मोबाइल सहित मनरेगा मजदूरों का फोटो अपलोड करके सरकारी धन का बंदरबांट करने में जुटी है और सरकारी धन को लूटने में सफल हो गई तो 05 वर्षों में कितना सरकारी धन का घोटाला किया जा चुका होगा जो जांच एवं कार्रवाई का विषय बना हुआ है । पूर्व में सैकड़ो शिकायत ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार को लेकर हो चुकी है लेकिन जांच एवं कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर भ्रष्टाचार मामले का निस्तार कर दिया जाता है । उक्त प्रकरण में ग्राम प्रधान वन्दना सिंह ने फोन रिसीव नहीं किया एवं टी ए (जेई ) ओम प्रकाश ने मीडिया को कोई समुचित उत्तर नहीं दिया और सचिव प्रशांत पाण्डेय ने फोन के माध्यम से बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से मनरेगा फर्जीवाड़ा की जानकारी हुई है जांच कर जारी फर्जी मस्टर रोल को जीरो कर दिया जायेगा । खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत में धरातल पर बिना कार्य कराये फर्जी भुगतान किसी भी हाल में नहीं होगा यदि किसी तरीके से ग्राम प्रधान व सचिव फर्जी भुगतान कराते हैं तो मामला संज्ञान में आने के बाद फर्जी भुगतान की रिकवरी कराई जाएगी ।