*रोस्टर के अनुसार ग्राम पंचायत बेलसड़ के पंचायत भवन पर नहीं पहुंची सचिव आरती सिंह*
- सचिव आरती सिंह की मनमानी से 05 महीनों से खराब पड़ा पंचायत भवन में रखा कम्प्यूटर सिस्टम
- सचिव आरती सिंह के तानाशाही से 05 महीनों से पंचायत सहायिका रेखा देवी को नही मिली मानदेय
- पंचायत सहायिका रीता देवी को 05 महीनों से मानदेय न मिलने से आर्थिक स्थिति हुई खराब
*गौर बस्ती* - ग्राम पंचायतों में सरकार की योजनाओं को संचालित करने व ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर निस्तारण करने को लेकर शासन ने रोस्टर व्यवस्था लागू किया है। इसमें गांवों के सचिवों को पंचायत भवनों पर पहुंचकर ग्रामीणों की समस्या सुनने, परिवार रजिस्टर की नकल, मृत्यु एवं जन्म प्रमाण पत्र आदि मौके पर ही देने की व्यवस्था है। इसके अलावा गांवों के विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण व सत्यापन करने की भी सचिवों पर जिम्मेदारी है। मगर स्थिति यह है कि रोस्टर के अनुसार विकासखण्ड गौर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बेलसड़ पंचायत भवन (कार्यालय ) में सचिव आरती सिंह नहीं पहुंची इसके चलते ग्रामीणों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए ब्लॉक मुख्यालय गौर का चक्कर लगाना पड़ता है। आवश्यक कागजातों के लिए ग्रामीणों को गौर ब्लॉक मुख्यालय पर जाने के लिए मजबूर रहना पड़ता हैं। गौर ब्लॉक की स्थिति यह है कि दो से तीन सचिवों को आठ से नौ गांव आवंटित किए गए हैं। रोस्टर के अनुसार उन्हें एक दिन ब्लॉक मुख्यालय पर मीटिंग में शामिल होना है। जबकि अन्य दिनों में उन्हें अपने ग्राम पंचायतों में मौजूद होकर समस्याओं के समाधान, विकास कार्यों का निरीक्षण व सत्यापन करना तथा प्रमाण पत्रों को जारी करने की जिम्मेदारी है इसके बावजूद सचिव आरती सिंह कार्यरत ग्राम पंचायतों में जा ही नहीं रही हैं अर्थात् गौर ब्लाक मुख्यालय पर बैठ कर आराम फरमाती है । ग्रामीणों को 15 से 20 किमी की दूरी तय ब्लॉक मुख्यालय गौर पर जाना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि सचिव आरती की मनमानी के चलते ग्राम पंचायत बेलसड़ में ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण नही हो पा रहा है । सूत्रों की माने ग्राम पंचायत बेलसड़ में सचिव आरती सिंह 01 माह पहले आई थी तब से ग्राम पंचायत बेलसड़ में नही आई है । सचिव के मनमानी के चलते लगभग 05 वर्षों से पंचायत भवन में रखा कम्प्यूटर सिस्टम खराब है जिससे कम्प्यूटर से सम्बंधित कार्य नही हो पा रहा है और लगभग 05 महीनों से पंचायत सहायिका रीता देवी को मानदेय नहीं मिला है जिससे पंचायत सहायिका की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है । उक्त प्रकरण में पंचायत सहायिका रीता देवी ने कहा कि हमारी नियुक्ति 04 जनवरी 2025 को हुई थी तब से आज तक मानदेय नहीं मिला है । जब से हमारी नियुक्ति हुई है तब से कम्प्यूटर सिस्टम खराब है। किसी तरीके से मोबाइल से कार्य कर रही हूं कई बार सचिव आरती सिंह को कम्प्यूटर सिस्टम खराब के सम्बंध में सूचना दी गई हैं । पंचायत सहायिका ने यह भी कहा कि 05 महीनों से मानदेय न मिलने के कारण परिवार का खर्चा चलना मुश्किल हो गया है । इस सम्बंध में मुख्य विकास अधिकारी बस्ती सार्थक अग्रवाल ने कहा कि मामला गंभीर है जांच करवाकर कार्यवाही करता हूं ।