कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी किसानों पर पड़ रही भारी

*यूरिया खाद की कमी को लेकर जिले में मचा हाहाकार*

- मूल्य से अधिक दामों पर यूरिया खाद खरीदने को किसान मजबूर

   - कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी किसानों पर पड़ रही भारी

- खाद विक्रेता जिम्मेदार अधिकारियों से दुरंभि संधि करके मनचाहा मूल्यों पर बेच रहे यूरिया खाद

*बस्ती*- प्रदेश सरकार भले ही किसान की समस्याओं के निस्तारण को लेकर दिन प्रतिदिन नियम कानून जारी कर रही है और किसानो के हितों की बात करने वाली प्रदेश सरकार वर्तमान समय में किसानों की समस्याओं को दूर करने में पूरी तरह फेल है । पूरे जिले में यूरिया खाद की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है लेकिन कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के पास किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए समय नहीं है । एसी कमरे में बैठकर मौज मस्ती कर रहे हैं । किसान यूरिया खाद के लिए गली - गली , दुकान दुकान चक्कर काट रहे हैं । खाद विक्रेताओं द्वारा किसानों का जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है । यूरिया खाद लेने के लिए पूरे दिन कड़ी धूप में किसानों को लम्बी - लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है और यूरिया खाद लेने के लिए खाद विक्रेताओं को मनचाहा मूल्य देना पड़ रहा है ।
         सूत्रों की माने तो यूरिया खाद का सरकारी सरकारी मूल्य 266.50 रुपया है । वर्तमान समय में यूरिया खाद 266.50 रुपया के स्थान पर 350 / 400 रुपये में धड़ल्ले से खाद विक्रेता बेच रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद में मस्त हैं । जिम्मेदार अधिकारियों को किसानों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है चाहे किसानों को कितनी भी समस्या हो । यूरिया खाद की कमी को लेकर बाजार में कालाबाजारी का तेजी से चल रहा है । जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी / लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है । यदि कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किसानों की समस्याओं का गंभीरता से संज्ञान लिया जाता तो आज किसानों को महंगे दामों पर यूरिया खाद नही खरीदना पड़ता । खाद विक्रेताओं द्वारा यूरिया खाद को मनचाहा मूल्य पर बेचने से प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हो रही है और प्रदेश सरकार की चारो ओर किरकिरी हो रही है ।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form