सरकारी डाक्टर और प्राइवेट प्रैक्टिस वाली सूची ढूँढ़ रहे बस्तीवासी
- जाते जाते कहीं सूची भी तो गायब नहीं कर गए जिले के पूर्व सी०एम०ओ०
- जनपद स्तर पर लहलहा रहे प्राइवेट अस्पतालों के बोर्ड - सीएमओ बने अंजान
बस्ती - शासन स्तर से सरकारी डाक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस मामले में कार्यवाही शासन ने कमर कसा था परन्तु जिला स्तर पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के रहनुमाओं ने शासन की नीतियों को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा और शासन को फर्जी रिपोर्ट प्रेषित कर मामले को दबाने में दिन रात एक कर दिए हैं ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकारी डाक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस मामले में शासन ने गम्भीरता दिखाते हुए कार्यवाही हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से सूची तलब किया था लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर से लापरवाही बरती गयी व शासन को भ्रामक रिपोर्ट प्रेषित करते हुए गुमराह किया गया जिसके कारण शासन स्तर से कार्यवाही सम्भव नहीं हो पा रही है । बस्ती जनपद मुख्यालय की यदि बात करें तो दर्जनों प्राइवेट अस्पताल ऐसे हैं जिनके संचालक डाक्टर कहीं न कहीं सरकारी अस्पताल में तैनात हैं फिर भी पूर्व के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा ऐसे डाक्टरों से दुरभि संधि करके धन उगाही की गयी और उनके मनमाफिक शासन को रिपोर्ट भेज दी जिससे उनके निजी प्रैक्टिस पर रोक लग पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है । डा0 सरफराज सहित जिला अस्पताल में ही ऐसे डाक्टरों की संख्या दर्जनों से ऊपर है जो सरकारी नौकरी के साथ ही साथ प्राइवेट प्रैक्टिस में भी संलिप्त हैं यदि पूरे जनपद की बात की जाए तो ऐसे डाक्टरों की संख्या चौंकाने वाली व शतक के करीब होगी , परन्तु पूर्व के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा ऐसे डाक्टरों के विरुद्ध रिपोर्ट न प्रेषित कर शासन को गुमराह करने का खुलेआम काम किया गया है ।