*महादेवा बरहपुर व बैदोलिया अजायब मुख्य मार्ग जर्जर , ग्रामीणों में आक्रोश*
- मंडी समिति द्वारा 10 साल पहले बनाई गई थी मुख्य सड़क - ग्रामीण
- निर्माण कार्य के 01 वर्ष बाद मुख्य सड़क की उखड़ गई गिट्टिया - ग्रामीण
- उखड़ी गिट्टियों पर लगभग 09 वर्षों से ग्रामीण आने जाने को मजबूर , सड़क पर घटित हो चुकी है कई घटनाएं - ग्राम प्रधान
*गौर बस्ती*- उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार सड़कों का जाल बिछा रही इसमें कोई संदेह नहीं है । लेकिन कई गांवों से होते हुए मुख्यालय को जोड़ती है । टूटी - फूटी सड़कें और सड़कों पर बहता गंदा पानी लोगों के लिए मुसीबत बन रहा है और यह तस्वीरे यह बयां कर रहा कि यहां कोई विकास नहीं हुआ है। यह स्थिति कप्तानगंज, विधानसभा के बैदौलिया महादेवा बरहपुर मुख्य मार्ग है जिसमें तकरीबन 20 गांवों के लोगों का मुख्यालय तक जाने का सहारा इसी रास्ते से लेते हैं ।
आपको बता दें कि विकासखण्ड गौर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत महादेवा की मुख्य सड़क कई वर्षों पुरानी सड़क का बेहद खस्ताहाल है। पूरे वर्ष भर इस सड़क पर चलना लोगों का दुश्वार होता जा रहा है। सड़कों पर गड्ढे रहने के कारण बरसात का भरा गंदा पानी स्वच्छता और सरकार के विकास की दावे की पोल खोल रहा है। बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य सड़क की प्रत्येक गिट्टिया उखड़ गई है मुख्य सड़क की गिट्टिया उखड़ने के कारण बीते दिनों एक बाइक सवार सड़क पर पलट गया था। उसे पैर में फ्रैक्चर होने से कई महीने तक परेशानी झेलनी पड़ी थी ऐसी परेशानी अक्सर लोंगो को हो रही है। प्राइवेट वाहनों के अलावा कई स्कूलों की गाडिय़ां भी रोज मुख्य सड़क पर आती - जाती हैं। उखड़ी हुई सड़क आम लोगों की परेशानी और स्कूली बच्चों को होती है। उसका वर्णन करना भी कठिन है। गांव के लोग सड़क की मरम्मत के लिए विधायक से लेकर सांसद के पास दौड़ रहे हैं लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। उखड़ी हुई सड़क से जिला मुख्यालय तक आने जाने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है । ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य मार्ग होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक आदमी को इस रास्ते पर चलने के लिए कड़ी परिश्रम करना पड़ता है और हमेशा दुर्घटनाओं का डर बना रहता है क्योंकि कई बार सड़क दुर्घटना हो चुकी है । ग्राम प्रधान अजय कुमार यादव ने कहा कि उक्त सड़क को लेकर विधायक , सांसद समेत अन्य उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक विधायक सांसद व किसी उच्च अधिकारियों द्वारा जर्जर सड़क मामले को गंभीरता से संज्ञान में नहीं लिया है यदि ऐसे ही जिम्मेदारों ढुलमुल रवैया रहा तो समस्त क्षेत्रवासी जर्जर सड़क निर्माण के लिए धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी ।