*पानी से भरे तालाब व जकड़े जलकुंभी में मनरेगा मजदूरों की लग रही फर्जी हाजिरी*
- सचिव अनिल सिंह व टी ए (जे ई ) का चल रहा है कमीशन बाजी का खेल
- ग्राम पंचायत पूरे बेंचू में बढ़ते भ्रष्टाचार का जिम्मेदार कौन ? बना जांच का विषय
- खण्ड विकास अधिकारी विनय द्विवेदी की लापरवाही से धड़ल्ले से सरकारी धन का चल रहा बन्दरबांट
हरैया (बस्ती) विकास खंड हरैया के ग्राम पंचायत पूरे बेचू में मनरेगा योजना के तहत बड़ा फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया है। जिसमें तालाब खुदाई व सफाई कार्य में सरकारी धन का बंदरबांट का प्रयास ग्राम प्रधान सुमन यादव द्वारा किया जा रहा है । तालाब में तकरीबन पांच से सात फीट तक पानी लबालब भरा हुआ है और चारों तरफ़ जलकुंभी जकड़ा हुआ है इसके बावजूद कागजों में तालाब की खुदाई एवं सफाई कार्य के नाम पर 83 मनरेगा मजदूरों फर्जी हाजिरी मनरेगा ऑनलाइन साइड पर लग रही है । स्पष्ट दर्पण की टीम ने 20 जुलाई को मौके का पड़ताल किया तो तालाब में न केवल पानी भरा मिला, बल्कि तालाब आधे से ज्यादा तालाब में जलकुंभी का मकड़जाल फैला हुआ है ।फिर भी मनरेगा की वेबसाइट पर 83 मजदूरों को काम करते हुए दिखाया जा रहा है।इस प्रकार स्पष्ट है कि जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से खुले आम मनरेगा एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही है और मनरेगा कार्य के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है । इस पूरे प्रकरण पर जब ग्राम पंचायत में तैनात सचिव अनिल सिंह से फोन के माध्यम से बात की गई तो सचिव ने पानी भरे तालाब में काम करने की बात कहने लगे लेकिन जब उनसे मौके का पड़ताल की बात बताई गई तो साहब का कहना है कि पुराने वित्तीय वर्ष में काम हुआ था उसका कुछ ही पैसा निकाल पाया था । पुराने वित्तीय वर्ष में पैसा पूरा नहीं निकल पाया था लेकिन बड़ा सवाल है कि मनरेगा के इस कौन से नियम में लिखा है कि पुराने वित्तीय वर्ष में पहले काम करा दिया जाए दूसरे वर्ष में पैसा निकाला जाए ।
। इस फर्जीवाड़े में ग्राम प्रधान,सुमन यादव ग्राम पंचायत अधिकारी अनिल सिंह, तकनीकी सहायक, रोजगार सेवक की मिलीभगत सारा खेल खेला जा रहा । पूरे मामले पर जब खंड विकास अधिकारी विनय कुमार द्विवेदी से बात की तुमने बताया मामला संज्ञान में नहीं था मौके का स्थलीय निरीक्षण एवं जांच कर मस्टर रोल को जीरो कर भुगतान को रोका जाएगा ।