*संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत आयोजित गोष्ठी में शूकर पालक के बारे दी गई जानकारी*
*रामनगर बस्ती* - शुअर, मच्छर एवं इंसान में जापानीज इंसेफेलाइटिस या दिमागी बुखार का वायरस अपना जीवन चक्र पूरा करता है। इस बात की जानकारी डिप्टी सीवीओ भानपुर डॉ बलराम चौरसिया ने राम नगर में संचारी रोग नियंत्रण अभियान अंतर्गत आयोजित शूकर पालक संवेदीकरण गोष्ठि में दी। डॉ चौरसिया ने कहा कि शुअर के शरीर में जे इ का वायरस सामान्य रूप से निवास करते हैं। मौसम परिवर्तन होने से अचानक क्रियाशील हो जाते हैं,और मच्छरों के जरिए मानव तक पहुंच कर रोग का कारण बनते हैं। जे इ रोग से बचाव के लिए साफ सफाई रखें। शूकर पालन छोड़कर दुसरा रोजगार अपनाए। शूकर बाड़ा में सप्ताह में एक बार कीटनाशक घोल का छिड़काव अवश्य करें। कदाचित तबियत खराब होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।इस अवसर पर मच्छर जनित बीमारी से बचाव के लिए मच्छरदानी भेंट कर रात्रि में मच्छरदानी लगाकर ही सोने की सलाह दी। मौके पर भूलन, झिनकू, आकाश, रामसुमेर, रीता आदि मौजूद रहे।