*बस्ती के बेसिक शिक्षा विभाग में भी सीतापुर की तरह चल रहा कई विद्यालयों में सेटिंग का खेल*

*बस्ती के बेसिक शिक्षा विभाग में भी सीतापुर की तरह चल रहा कई विद्यालयों में सेटिंग का खेल* 
- बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर व घटना में जुड़ी शिक्षिका के मोबाइल की लोकेशन व काल डिटेल बनेगें बीएसए के गले की हड्डी
- मीडिया में वायरल तस्वीरें व आडियो बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर की खोल रहा पोल

- ईमानदार शिक्षक बन रहे अधिकारियों के शिकार चाटुकारों की बल्ले - बल्ले

- कहीं कम्पोजिट ग्रांट में हो रही फिरौती तो कहीं चयन वेतनमान में मची लूट

            बस्ती संवाददाता - जनपद सीतापुर के बेसिक शिक्षा विभाग में घटी घटना बेसिक शिक्षा के अधिकारियों की असलियत को खोलने के लिए पर्याप्त है । शिक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी व उनके गुर्गों के बीच मारपीट की यह घटना यह चीख - चीख कर कह रही है कि बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारी वर्ग अधीनस्थ का दायरे से कहीं ऊपर उठकर शोषण जरूर कर रहा है जिसके परिणाम स्वरूप सीतापुर की यह भयावह घटना घटी ।
          सीतापुर में तैनात बेसिक शिक्षा अधिकारी मूलतः बस्ती जनपद के ढोरिका के रहने वाले है , जनपद सीतापुर में बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में उनकी दूसरी तैनाती है जबकि इसके पहले ये जनपद गोंडा में बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में तैनात थे । सोशल मीडिया में पीड़ित शिक्षक के विद्यालय का बच्चों सहित वायरल वीडियो इस बात को प्रमाणित कर रहा है कि विद्यालय नियमित रूप से संचालित हो रहा था क्योंकि बिना नियमित विद्यालय संचालन इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की उपस्थिति नहीं मिलेगी । एक शिक्षक की अप्रत्यक्ष कमाई जो कि समुदाय से समन्वय होती है वह पीड़ित शिक्षक के पास भरपूर थी तभी तो पूरा समुदाय उसके साथ खड़ा है और विपक्ष में  यदि कोई है तो केवल बेसिक शिक्षा अधिकारी व उनके गुर्गे , हलाँकि घटना की केन्द्र बिन्दु एक शिक्षिका को बताया जा रहा  है । बेसिक शिक्षा विभाग में सेटिंग का यह मामला कोई नया नहीं है बल्कि सेटिंग की ये बीमारी बस्ती में भी बुरी तरह से पाँव पसार चुकी है और कर्मठ अध्यापक नजराना न पहुचाने के चलते बलि का बकरा बन रहे है और सेटिंग वालों की चाँदी ही चाँदी है । सीतापुर के घटना की पुनरावृत्ति किसी अन्य जिले में न हो इसके लिए मगरूर अधिकारियों व शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों  व राष्ट्रनिर्माता शिक्षकों को एक कदम पीछे हटकर सोचने की जरूरत है । सोशल मीडिया में वायरल आडियो बेसिक शिक्षा अधिकारी के करतूतों की पोल खोलने के लिए काफी है । मामले की निष्पक्ष जाँच व शिक्षिका को अनैतिक लाभ पहुंचाने में संलिप्त प्रथम दृष्टया दोषी बेसिक शिक्षा अधिकारी का निलंबन व अन्यत्र जगह तैनाती सामाजिक विश्वसनीयता हेतु जरूरी हो गया है क्योंकि बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में अखिलेश सिंह की तैनाती होने तक न्याय की कल्पना भी नहीं की जा सकती है ।

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